Mahakal Sahasranama Stotram
Mahakal Sahasranam Stotram | श्री महाकाल सहस्रनामस्तोत्रम्ॐ श्रीगणेशाय नमःॐ नमश्चण्डिकायै ।अथ महाकालसहस्रनाम लिख्यतेऽधुना । ॐ ईश्वर उवाच - अधुना देवि वक्ष्यामि सहस्रनाममुत्तमम् । महाकालस्य देवेशि स्तोत्रं परमदुर्लभम् ॥ १॥ सारासारतरं देवि पवित्राणां च पावनम् । गुह्यानामपि गुप्तं च सर्वश्रेयस्करं परम् ॥ २॥ सारस्वतप्रदं चैव शत्रुनाशकरं परम् । सर्वसम्पत्प्रदं चैव महारोगनिबर्हणम् । महोत्पातप्रशमनं मूलविद्यामनोहरम् ॥ ३॥ अस्य श्रीमहाकालसहस्रनामस्तोत्रमहामन्त्रस्य दक्षिणाक...
Mahakal Sahasranama Stotram

Mahakal Sahasranam Stotram | श्री महाकाल सहस्रनामस्तोत्रम्

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Mahakal Sahasranam Stotram | श्री महाकाल सहस्रनामस्तोत्रम्ॐ श्रीगणेशाय नमःॐ नमश्चण्डिकायै ।अथ महाकालसहस्रनाम लिख्यतेऽधुना । ॐ ईश्वर उवाच - अधुना देवि वक्ष्यामि सहस्रनाममुत्तमम् । महाकालस्य देवेशि स्तोत्रं परमदुर्लभम् ॥ १॥ सारासारतरं...
Kya aapki kundali me Markesha hai

Kya aapki kundali me Markesha hai ? | क्या आप भी डरते हैं ‘मारकेश’...

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Kya aapki kundali me Markesha hai ? | क्या आप भी डरते हैं 'मारकेश' शब्द से ?ज्योतिषशास्त्र में इंट्रेस्ट है तो अपने एक शब्द सुना होगा "मारकेश" तो आज बात करेंगे...
Mayureshwar Ganpati Story

Mayureshwar Ganpati Story In Hindi | मयूरेश्वर गणपति की कथा

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Mayureshwar Ganpati Story In Hindiमयूरेश्वर गणपति की कथात्रेतामें भगवान् गणेशने 'मयूरेश्वर' नामसे अवतार ग्रहणकर अनेक लीलाएँ कीं और महाबली सिन्धुके अत्याचारोंसे सबको मुक्त किया। कठोर तपस्या एवं सूर्यकी आराधनासे वर...

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Mahakal Sahasranam Stotram | श्री महाकाल सहस्रनामस्तोत्रम्ॐ श्रीगणेशाय नमःॐ नमश्चण्डिकायै ।अथ महाकालसहस्रनाम लिख्यतेऽधुना । ॐ ईश्वर उवाच - अधुना देवि वक्ष्यामि सहस्रनाममुत्तमम् । महाकालस्य देवेशि स्तोत्रं परमदुर्लभम् ॥ १॥ सारासारतरं देवि पवित्राणां च पावनम् । गुह्यानामपि गुप्तं च सर्वश्रेयस्करं परम् ॥ २॥ सारस्वतप्रदं चैव शत्रुनाशकरं परम् । सर्वसम्पत्प्रदं चैव महारोगनिबर्हणम् । महोत्पातप्रशमनं मूलविद्यामनोहरम् ॥ ३॥ अस्य श्रीमहाकालसहस्रनामस्तोत्रमहामन्त्रस्य दक्षिणाक...
Kya aapki kundali me Markesha hai
Kya aapki kundali me Markesha hai ? | क्या आप भी डरते हैं 'मारकेश' शब्द से ?ज्योतिषशास्त्र में इंट्रेस्ट है तो अपने एक शब्द सुना होगा "मारकेश" तो आज बात करेंगे कि मारकेश क्या है और कैसे मारकेश की दशा या अन्तर्दशा आपको प्रभावित करती है।कुंडली मे बारह भाव होते हैं जिन्हें क्रमशः1.तनु 2.धन 3.अनुज 4.मातृ 5.संतति 6.रोग...
Mayureshwar Ganpati Story
Mayureshwar Ganpati Story In Hindiमयूरेश्वर गणपति की कथात्रेतामें भगवान् गणेशने 'मयूरेश्वर' नामसे अवतार ग्रहणकर अनेक लीलाएँ कीं और महाबली सिन्धुके अत्याचारोंसे सबको मुक्त किया। कठोर तपस्या एवं सूर्यकी आराधनासे वर पाकर सिन्धु अत्यन्त मदोन्मत्त हो गया। उसकी सेनामें असुरोंका प्राबल्य हो गया था, जिससे न्याय और सत्य-धर्मके मार्गपर चलनेवालोंको वह पीड़ित करने लगा ।अकारण नर-नारियों, अनाथ, अबोध छोटे...
Mahotak Vinayak Story in hindi
Mahotkat Vinayak Story In HindiMahotkat Vinayak Story In Hindi | श्री गणपति के महोत्कट विनायक अवतार की कथाकृतयुगमें भगवान् गणपति 'महोत्कट विनायक' नामसे प्रख्यात हुए। उन महातेजस्वी प्रभुके दस भुजाएँ थीं, उनका वाहन सिंह था, वे तेजोमय थे । उन्होंने देवान्तक तथा नरान्तक आदि प्रमुख दैत्योंके संत्राससे संत्रस्त देव, ऋषि-मुनि, मनुष्यों तथा समस्त प्राणियोंको भयमुक्त किया ।गणेशपुराणमें कथा...
Mahashivratri 2024
Mahashivratri 2024 | शिव आराधना का महापर्व महाशिवरात्रिशिव आराधना का महापर्व महाशिवरात्रिमहाशिवरात्रि का पर्व शैव भक्तों द्वारा अत्यंत श्रद्धा व भक्ति से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर रात्रि में चारों प्रहर के पूजन और रुद्राभिषेक का बहुत महत्त्व माना...
Rudra Roop Me Hanuman | माता जानकी के सामने रुद्र रूप में हनुमानसदा सौम्य रूप में अवस्थित रहने वाले उदारलोचन मारुतात्मज कभी-कभी अपने रुद्र रूप में भी दर्शन दे देते हैं । अमित महिमामयी माताजानकी का इनके प्रति अद्भुत वात्सल्य है। सहस्त्रों सेवक सेविकाएँ जनकदुलारी की सेवा के लिये प्रतिक्षण सजग और सावधान रहकर उनके आदेश की प्रतीक्षा करती...
Svadha Stotram With Hindi Meaning | स्वधा स्तोत्रम्ब्रह्मोवाचस्वधोच्चारणमात्रेण तीर्थस्नायी भवेन्नरः ।मुच्यते सर्वपापेभ्यो वाजपेयफलं लभेत् ॥ १ ॥ब्रह्मा जी बोले – ‘स्वधा' शब्द के उच्चारण से मानव तीर्थ स्नायी हो जाता है।वह सम्पूर्ण पापों से मुक्त होकर वाजपेय यज्ञ के फल का अधिकारी हो जाता है।स्वधा स्वधा स्वधेत्येवं यदि वारत्रयं स्मरेत् ।श्राद्धस्य फलमाप्नोति कालतर्पणयोस्तथा ॥ २ ॥स्वधा, स्वधा, स्वधा -...

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